बालक रोते-रोते चुप हो गया। कठोर बनकर भी सहदय रहो। आलसी होने के कारण वह विफल होती है। नया अस्वस्थ रहने के कारण वह परीक्षा में सफल न हो से कि, जिन्ह, सायंकाल होते ही पक्षी अपने-अपने घोंसलों में लौट ग
तब, परंतु हालदार का प्रश्न सुनकर वह हँसा। उंत में भी उनकी बगल में बैठे-बैठे आइने में अपना मुँह निहारा के थोड़ी देर बाद फिर लड़कों की मंडली म कर"