हाँ । जब कुण्डली A में विद्युत धारा में परिवर्तन किया जाता है तो कुण्डली B में भी विद्युत धारा प्रेरित होगी । क्योंकि कुण्डली A में विद्युत धारा में परिवर्तन के कारण इससे सम्बंधित चुम्बकीय बल रेखाएँ कुण्डली B के साथ बदल जाती है । इस परिघटना से विभव नीचे चला जायेगा ओर कुण्डली B में चुम्बकीय उत्क्रमण के कारण विद्युत धारा प्रेरित होगी।