इसका कारण यह है कि रेल की पटरियाँ लोहे की बानी होती है तथा गर्मियों में इसका ताप अधिक हो जाने के कारण यह लम्बाई में कुछ बाद जाती है । पटरियों को बिछाते समय दो पटरियों के बीच थोड़ा -सा स्थान छोड़ देते हैं, जिससे गर्मियों में पटरियों की लम्बाई बढ़ने पर उन्हें बढ़ने का स्थान मिल सकें । यदि खाली स्थान न छोड़ा जाये तो गर्मी में जब पटरियों में प्रसार होगा, तो रेलवे लाइन टेड्डी हो जायेगी तथा दुर्घटना होने की सम्भावना रहती है ।