डॉक्टरी तापमापी के बल्ब के ठीक ऊपर केशनली में कुछ संकीर्णन करते हैं जिससे शरीर के साथ स्पर्श करने से जब घुण्डी के पारे में प्रसार होता है,तो पारा मुड़े ( संकीर्ण ) हुए भाग से ऊपर निकल जाता है, परन्तु तापमापी शरीर से हटा लेने पर जब पारा सिकुड़ता है तो केशनली के मुड़े हुए भाग से ऊपर का पारा गिरकर स्वंयं नीचे नहीं आ सकता । वह जहाँ तक था वहीँ पर रहता है और इसे सुविधपूर्वक पड़ सकता हैं । दुबारा प्रयोग में लानेसे पहले झटका देकर पारे को मुड़े हुए स्थान से नीचे उतारना पड़ता है ।