किसी वस्तु के सम्पूर्ण द्रव्यमान के ताप को `1^(@)C ` बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा को उस वस्तु की ऊष्माधारिता कहते हैं । इस C से व्यक्त करते हैं ।
सूत्र `Q = ms Delta t ` में, यदि `Delta t = 1^(@) C ` हो तो
`Q = ms `
अतः ऊष्माधारिता `C= ms `
शब्दों में ऊष्माधारिता = द्रव्यमान ` xx` विशिष्ट ऊष्मा इसका मात्रक जूल `// ^(@) C ` है ।
एक ही पदार्थ की विभिन्न द्रव्यमान की वस्तुओं की ऊष्माधारिता भिन्न -भिन्न होती है। यदि एक वस्तु का द्रव्यमान 1.5 किग्रा तथा विशिष्ट ऊष्मा `447J//kg//^(@)C ` है तो उसकी ऊष्माधारिता `= 1.5 xx 447 = 670.5J //^(@)C ` होगी । अर्थात उस वस्तु का ताप `1^(@)C ` बढ़ाने के लिए `670.5 ` जूल ऊष्मा की आवश्यकता होगी ।