“ऐसा मत करो”, “ऐसे पट-पट मत बोलो”, “ऐसे धम-धम मत चलो…” एक दिन गलती से उसने पूछ ही लिया, “क्यों?” क्यों तो बस शुरु हो गई, “अरे छोरी, लोग नाम तो तेरी माँ को ही रखेंगे। कहेंगे कुछ सिखाया ही नहीं।हीं ऐसे ही करेगी क्या अपने घर जाकर ? गुठली बोली, “अपना घर? यही तो है मेरा घर, जहाँ मैं पैदा हुई।”
लोग नाम तो तेरी माँ को ही रखेंगें – यहाँ रखेंगे’ क्रिया का रूपायन किस शब्द के आधार पर हैं?
(नाम, लोग, माँ)