जैसे-तैसे पूजा-पाठ के बाद कार्ड हाथ में आया तो गुठली का मूंह उतर गया। वह ताऊजी के पास जाकर बोली, देखिए भइया मेरा नाम कार्ड में छपवाना भूल गया? ताऊजी बोले, “भूला नहीं है रे… अपने घर की छोरियों के नाम कार्ड पर नहीं छपते।” गुठली, “पर उनमें भइया के छोटे-से बेटे का भी नाम है जो अभी बोल भी नहीं सकता तो मेरा.
यहाँ ‘मुँह उतर गया’ – का मतलब क्या हैं? (उदास हो गई, खुश हो गई, नाराज़ होई)