यह कविता वार्तालाप की शैली में लिखी गई है। इसमें बाप और बेटी के बीच बातचीत हो रही है। बाप बेटी से पूछता है कि तुझे क्यों पढ़ना है? पढ़ने को बेटे काफ़ी है। बेटी कहती है कि वह लड़की है इसलिए पढ़ना चाहती है। हमारे समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जो लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते। तभी तो लड़की कहती है कि उसके पढ़ने की मनाही है तभी वह पढना चाहती है। लड़की के कई सपने है जिन्हें वह साकार करना चाहती है, वह कुछ कर दिखाना चाहती है, वह अपने मूल्य को बनाया रखना चाहती है, वह अपने पाँव पर खड़ी रहना चाहती है। वह शिक्षा के दवारा अपने मन के डर को दूर करना चाहती है। लड़कियों पर होनेवाले कई तरह के ज़ोर ज़ोर जुल्मों से बचने के लिए भी वह पढ़ना चाहती है। आज का ज़माना अनपढ़ का नहीं है, इसलिए भी वह पढ़ना चाहती है।