कोयले की जलती हुई अंगीठी से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) गैस निकलती है। हीमोग्लोबिन से कार्बन मोनोऑक्साइड के मिलने की क्षमता आक्सीजन की क्षमता से लगभग 250 गुना अधिक होती है। CO हीमोग्लोबिन से संयुक्त होकर स्थर यौगिक बना लेती है तथा हीमोग्लोबिन का यह भाग श्वसन के लिए बेकार हो जाता है। अतः मनुष्ये का दम घुटने के कारण मृत्यु हो सकती है।