`._(11)Na=1s^(2),2s^(2)2p^(6),3s^(1)`
`._(12)Mg=1s^(2),2s^(2)2p^(6),3s^(2)`
चूँकि Na-परमाणु में Mg-परमाणु की अपेक्षा कम प्रभावी नाभिकीय आवेश है, इसलिये Na की प्रथम आयनन एन्थैल्पी Mg की अपेक्षा कम है।
एक इलेक्ट्रॉन निकलने के पश्चात `Na^(+)` आयन `(1s^(2), 2s^(2)2p^(6))` में प्रभावी नाभिकीय आवेश अधिक हो जाता है तथा एक स्थायी इलेक्ट्रॉनिक विन्यास प्राप्त कर लेता है। इसलिये `Na^(+)` आयन से `Mg^(+)` की तुलना में इलेक्ट्रॉन पृथक करने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी। इसलिये Na की द्वितीय आयनन एन्थैल्पी Mg से अधिक है।