परिभाषा से, उभयनिष्ठ-उत्सर्जक प्रवर्धक में धारा-लाभ
`beta=(Delta i_(C))/(Delta i_(B))=(1.0xx10^(-3)"ऐम्पियर")/(50xx10^(-6)"ऐम्पियर")=20.`
उत्सर्जक-धारा, आधार-धारा तथा संग्राहक-धारा का योग होती है :
`i_(E)=i_(B)+i_(C)`
`therefore Deltai_(E)=Deltai_(B)+Deltai_(C)=(50xx10^(-6)"ऐम्पियर")+(1.0xx10^(-3)"ऐम्पियर")`
`=(50xx10^(-6)"ऐम्पियर")+(1000xx10^(-6)"ऐम्पियर")`
`=1050xx10^(-6) `ऐम्पियर
`=1.05` मिलीऐम्पियर (mA)।
अब `alpha =(beta)/(1+beta)=(20)/(1+20)=(20)/(21)=0.95.`