दिये गये परिपथ को संलग्न चित्र के रूप में बनाया जा सकता है । यह एक संतुलित व्हीटस्टोन -सेतु है । अतः बिंदु C व D समान विभव पर होंगे जिससे इनके बीच जुड़े प्रतिरोध `(10 Omega)` में कोई धारा नहीं होगी । यह प्रतिरोध प्रभावहीन होगा तथा इसे तुल्य -प्रतिरोध ज्ञात करने में छोड़ देंगे ।
भुजाओं AD व DB में तुल्य - प्रतिरोध ` 2 Omega + 4 Omega = 6 Omega` है तथा AC व BC में ` 3 Omega + 6 Omega = 9 Omega` है । ये दोनों परस्पर समांतर में है ।
अतः यदि बिन्दुओ A व B के बीच तुल्य - प्रतिरोध R हो , तब
` R = (6 Omegaxx 9 Omega)/(6 Omega + 9 Omega) = 3.6` ओम |
सेल से ली गई वैधुत धारा
`i = E/(R + r) = (4 "वोल्ट ")/((3.6 + 0.4)"ओम ") = 1` एम्पियर |
इसका एक भाग `i_(1)` भुजाओं AD व DB में तथा शेष `(i-i_(1))`भुजाओं AC व CB में जाता है । यदि बिन्दुओ A व b के बीच विभवान्तर V हो , तब
`V = i_(1) xx 6 Omega = (i - i_(1)) xx 9 Omega `
`i_(1) xx 6 Omega = (1 "एम्पियर " - i_(1)) xx 9 Omega `.
हल करने पर:`i_(1)=0.6` एम्पियर तथा `(i-i_(1))=0.4` एम्पियर ।