इसका कारण यह है कि स्थूल वस्तुओं (macroscopic bodies ) से सम्बन्ध दी-ब्रोगली तरंगों कि तरंगदैर्घ्य उनके आकार की तुलना में काफी शूक्ष्म होती है । अतः हम इन द्रव्य - तरंगों का दैनिक जीवन में अनुभव नहीं कर पाते । उदाहरण के लिए माना एक 0.5 किग्रा की गेंद 10 मी/से के वेग से गतिशील है तब इसमें सम्बन्ध दी-ब्रोगली तरंगदैर्घ्य ,
`lambda = (h)/(m v)=(6.6xx10^(-34))/(5xx10) ~= 10^(-35)` मीटर । जो की वस्तु के आकार की तुलना में उपेक्षणीय है ।