जब दो गोलों को आपस में जोड़ दिया जाता है तो उनका विभव एकसमान हो जाता है | अतः दोनों गोलों पर आवेश
`(Q_(1))/(Q_(2)) = (C_(1)V)/(C_(2)V) = (C_(1))/(C_(2))`
जहाँ V उभयनिष्ठ विभव है |
लेकिन `(C_(1))/(C_(2)) = (a)/(b)`
`therefore (Q_(1))/(Q_(2)) = (a)/(b)`
प्रथम व् द्वितीय गोले की त्रिज्या a व् b है | अतः दोनों गोलों के पृष्ठ पर विद्युत क्षेत्र
`(E_(1) )/(E_(1) ) = ((Q_(1))/(4piin_(0)a^(2)))/((Q_(2))/(4piin_(0)a^(2)))= (Q_(1) )/(Q_(2)) (b^(2))/(a^(2))`
या `(E_(1))/(E_(2)) = (a)/(b) .(b^(2))/(a^(2)) = (b)/(a) `...(1)
अतः `(E_(1))/(E_(2))= (sigma_(1))/(sigma_(2))`...(2)
जहाँ `sigma_(1) " व् " sigma_(2)` गोलों के पृष्ठ आवेश घनत्व है | समय (1) व् (2) से ,
`(sigma_(1))/(sigma_(2))= (b)/(a)`
अर्थात पृष्ट आवेश धनत्व का मान गोले की त्रिज्या के व्युत्क्रमानुपाती होता है | यदि चालक के समतल भाग को , अधिक त्रिज्या के गोले के कुछ भाग तथा चालक के नुकीले भाग को कम त्रिज्या के चालक का कुछ भाग माने तो नुकीले भाग का पृष्ठ आवेश धनत्व अधिक तथा समतल भाग का कम होता है |