तरंग सिद्धांत के अनुसार यदि यथेष्ट समय तक किसी भी आवृत्ति के प्रकाश को धातु की सतह पर डाला जाये तो प्रकाश इलेक्ट्रॉन उत्सर्जित होंगे | किन्तु प्रायोगिक निष्कर्ष यह बतलाता है कि इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन तभी सम्भव हो पाता है, जबकि आपतित प्रकाश की आवृत्ति एक न्यूनतम आवृत्ति, जिसे देहली आवृत्ति कहते है, से अधिक हो | यह तथ्य फोटॉन सिद्धांत की पुष्टि करता है |