योगात्मक बहुलकीकरण में बहुत-से समान अथवा असमान एकलक अनु आपस में जुड़कर बहुलक श्रृंखला बनाते है। एकलक इकाइयों में प्रायः द्वी या बहुबन्ध उपस्थित रहते है। इस प्रक्रिया में `H_(2)O,NH_(3)` जैसे छोटे अणुओं का निराकरण नहीं होता है। इसके विपरीत संघनन बहुलकीकरण में संघनन अभिक्रियाओं की एक श्रेणी सम्पन्न होती है जिसमे `H_(2)O,NH_(3)` जैसे छोटे अणुओं का निराकरण होता है। इस प्रकार का बहुलकीकरण दो या अधिक क्रियात्मक समूहों युक्त एकलकों के मध्य सम्पन्न होता है ।