माना वायु में प्रकाश की चाल `v_(1)` है तथा जल में `v_(2)` है|वायु में आपतन कोण `anglei` है तथा जैम में अपवर्तन कोण `angler` है|
न्यूटन के कणिका के सिद्धांत के अनुसार, जब प्रकाश कणिका XY पृष्ठ पर टकराती है जब यह सधन तथा विरल माध्यम को पृथक करती है तथा XY के सापेक्ष उसके वेग के उधर्व घटक समान होते है
XY के अनुदिश का घटक `v_(1)` `=v_(1)" "...(i)
XY के अनुदिश `v_(2)`के घटक `=v_(2)" "...(ii)`
न्यूटन के कणिका सिद्धांत के अनुसार,
`v_(1)`का घटक `=v_(2)` का घटक
`v_(1)sini=v_(2)sinr`
अथवा `(v_(2))/(v_(1))=(sinr)/(sinr)" "...(iii)`
स्नेल के नियम से, `(v_(2))/(v_(1))=""^("वायु")mu_(" जल ")" "...(iv)`
समीकरण (iii ) व (iv ) से,
`(v_(2))/(v_(1))=""^("वायु")mu_(" जल")" "(because""^(a)mu_(w)gt1)`
`therefore(v_(2))/(v_(1))gt1`
अथवा `v_(2)gtyv_(1)`
इसका अर्थ है की प्रकश की चाल सघन माध्यम में अधिक तथा विरल माध्यम में कम है|
यह परिणाम न्यूटन के प्रायोगिक परिणाम के विपरीत है|हाइगेन्स तरंग सिद्धांत के अनुसार `v_(2)ltv_(1)` जो प्रयोग के अनुसार है|