यशोधरा' के पठित काव्यांश में उसकी नायिका यशोधरा के चरित्र की विशेषताएँ व्यञ्जित हुई हैं। यशोधरा अपने पति से प्रेम करती हैं वह उनके प्रति पूरी तरह समर्पित है। उसने अपने जीवन में उसी काम को महत्वपूर्ण समझा है और वही किया जो उसके पति को मान्य रहा है। उसके पति बिना उससे कुछ भी कहे चोरी-चोरी घर से चले गए।