चित्र के अनुसार, माना कि एक ओमीय प्रतिरोध के सिरों को प्रत्यावर्ती वोल्टेज स्त्रोत से जोड़ा गया है स्त्रोत से प्राप्त वोल्टेज का समीकरण निम्नलिखित है -
`V=V_(0)sinomegat`
यदि किसी क्षण t में परिपथ में प्रवाहित धारा का मान I हो, तो
`I=(V)/(R)=(V_(0)sinomegat)/(R)`
`=(V_(0))/(R)sinomegat=I_(0)sinomegat` . . . (1)
यही परिपथ में प्रवाहित धारा का समीकरण है जिससे स्पष्ट है ओमीय प्रतिरोध वाले परिपथ में प्रत्यावर्ती वोल्टेज तथा प्रत्यावर्ती धारा सामान कला में होते है ।
इस स्थिति में परिपथ की प्रतिबाधा Z=R, कलांतर `PHI=0^(@)` तथा धारा `I_(0)=(V_(0))/(R)` होती है
परिपथ में औसत ऊर्जा व्यय की दर
`=(1)/(2)I_(0)^(2)R=(1)/(2)(V_(0)^(2))/(R)`
स्पष्ट है कि ओमीय प्रतिरोध का व्यवहार प्रत्यावर्ती धरा परिपथ में ठीक वैसा ही होता है जैसा कि दिष्ट धारा में होता है इसे परिपथ के लिए धारा वक्र, वोल्टेज वक्र एवं फेजर आरेख चित्र में दर्शया गया है ।