Correct Answer - Option 2 : करण और अपादान
इसका सही 'करण और अपादान' उत्तर है।
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अधिकरण कारक - संज्ञा का वह स्वरूप जिसमें क्रिया के आधार का बोध होता हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। अधिकरण कारक में विभक्ति चिह्न में भीतर अंदर, ऊपर, बीच, इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता है।
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अपादान कारक - वाक्य में जिस स्थान या वस्तु से किसी व्यक्ति या वस्तु की पृथकता अथवा तुलना का बोध होता है, वहाँ अपादान कारक होता है।” प्रेम, घृणा, लज्जा, ईर्ष्या, भय और सीखने आदि भावों की अभिव्यक्ति के लिए अपादान कारक का ही प्रयोग किया जाता है।
अन्य कारक -
कारक
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विभक्ति चिह्न
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कर्ता
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ने
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कर्म
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को
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करण
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से, के द्वारा
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सम्प्रदान
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के लिए
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आपदान
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से (अलग होना)
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संबंध
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का, के , की
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अधिकरण
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में, पर
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संबोधन
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हे, अरे
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शब्द
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परिभाषा
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कारक
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कारक का अर्थ होता है किसी कार्य को करने वाला। यानी जो भी क्रिया को करने में भूमिका निभाता है, वह कारक कहलाता है। इसे परसर्ग भी कहते हैं।
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