Correct Answer - Option 4 : रसायनों का ज्ञान होना
भाषा-शिक्षक, शिक्षण प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है। कक्षा में भाषा वातावरण अर्थात समृद्ध भाषिक परिवेश का निर्माण करने के लिए भाषा शिक्षक को स्वयं अपनी भाषा प्रयोग की क्षमता को बढ़ाना चाहिए। भाषा शिक्षक द्वारा कक्षा में छात्रों के समक्ष स्वयं भाषा प्रयोग या वाचन प्रस्तुत करना आदर्श वाचन को संदर्भित करता है। भाषा शिक्षक को आदर्श लेखन के लिए सुन्दर लेख लिखना चाहिए।
एक अच्छे अध्यापक बनने के लिए निम्न गुणों का होना भी आवश्यक है-
- एक कुशल अध्यापक में विषय का पूर्ण ज्ञान होना अति आवश्यक है।
- एक अच्छा अध्यापक में यह गुण होना भी आवश्यक है कि छात्र उसकी बात को अच्छी तरह से समझ सके इसके लिए उसे छात्रों के स्तर अनुसार एवं विषय की प्रकृति अनुसार उचित शिक्षण विधि का प्रयोग करना चाहिए।
- शिक्षण विधियों के ज्ञान के साथ ही मूल्याकंन विधियों का ज्ञान भी होना आवश्यक तभी कठिनाईयों का भली प्रकार निदान हो सकता है।
- एक अच्छा अध्यापक वही है जो छात्रों के स्तर, उनकी योग्यता एवं क्षमता तथा विषय-वस्तु की प्रकृति को ध्यान में रखकर वस्तु को सरल और रुचिकर बनाने की दृष्टि से समुचित शिक्षण सहायक सामग्री का प्रयोग करें।
- मनोविज्ञान का ज्ञान होने पर ही शिक्षक बालक की रूचि योग्यता क्षमता बुद्धि आदि को समझ सकता है और उसके आधार पर अपना जो शिक्षण है उस और निर्देशन का कार्य सफलतापूर्वक कर सकता है।
- ज्ञान पिपासा - एक सफल शिक्षक वही है जिसमें हमेशा सीखने की ललक बनी रहती है। सीखने के लिए तत्परत और जिज्ञासु प्रवृत्ति का होना सफल शिक्षक के महत्वपूर्ण गुणों में से एक है।
- भाषा-शिक्षक को स्वयं अपनी भाषा प्रयोग की क्षमता को बढ़ाना चाहिए क्योंकि उसका भाषा-प्रयोग कक्षा में भाषा-वातावरण का निर्माण करता है।
- भाषा-शिक्षक को व्याकरण का ज्ञान होना चाहिए।
- एक अच्छे अध्यापक के लिए यह आवश्यक है कि वह विद्यालय में विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाओं का आयोजन करने एवं उन्हें सफलतापूर्वक संपन्न कराने में रूचि ले, साथ ही इसके लिए उसे अपने विद्यार्थियों में रुचि विकसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए।
- सफल अध्यापक का एक महत्वपूर्ण गुण उसका समय के प्रति पाबंद होना है।
- एक शिक्षक केवल अध्यापक के प्रति रुचि रखें यह पर्याप्त नहीं है। उसे अपने विद्यार्थियों में भी रुचि रखनी चाहिए।
- एक अच्छे शिक्षक में धैर्य का गुण होना आवश्यक है। छात्रों के प्रश्न पूछने पर उसे उखड़ना नहीं चाहिए। बात-बात में झुंझलाना नहीं चाहिए। बल्कि धैर्य के साथ सोच समझकर उनके प्रश्नों के उत्तर देकर उन्हें संतुष्ट करना चाहिए।
अतः निष्कर्ष निकलता है कि शिक्षक भाषा में रसायनों का ज्ञान होना होना आवश्यक नहीं है।