Correct Answer - Option 1 : वीर रस
उपरोक्त पंक्तियों में 'वीर रस' है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 1 ‘वीर रस’ है।
उपरोक्त पंक्तियों में सत्यवादी हरिशचन्द्र के विषय में कहा जाता है कि - चाँद और सूरज भले ही अपनी जगह से हट जाएँ, पर राजा अपने वचन से कभी पीछे नहीं हट सकते। अत: इसमें वीर रस है।
वीर रस
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जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।
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अन्य विकल्प -
रस
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परिभाषा
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हृास्य रस |
हास्य रस का स्थायी भाव हास् है। किसी असाधारण व्यक्ति की असाधारण आकृति, विचित्र वेशभूषा, अनोखी बातें सुनने या देखने से मन मे उत्पन्न स्थायी भाव को 'हास' कहते है और जब हास स्थायी भाव का संयोग विभाव, अनुभाव एवं संचारी भाव से होता है, तो हास्य रस की उत्पत्ति होती है।
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रौद्र रस |
इसका स्थायी भाव क्रोध होता है जब किसी एक पक्ष या व्यक्ति द्वारा दुसरे पक्ष या दुसरे व्यक्ति का अपमान करने अथवा अपने गुरुजन आदि कि निन्दा से जो क्रोध उत्पन्न होता है उसे रौद्र रस कहते हैं इसमें क्रोध के कारण मुख लाल हो जाना, दाँत पिसना, शास्त्र चलाना, भौहे चढ़ाना आदि के भाव उत्पन्न होते हैं।
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करुण रस |
प्रिय वस्तु या इष्ट वस्तु के नाश से जो क्षोभ होता है, उसे शोक कहते हैं। यही शोक नामक स्थायी भाव ज़ब विभाव, अनुभाव और व्यभिचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत होता है, उसे करुण रस कहते हैं।
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रस
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रस का शाब्दिक अर्थ है 'आनन्द'। काव्य को पढ़ने या सुनने से जिस आनन्द की अनुभूति होती है, उसे रस कहा जाता है।
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