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'गृहागत' में समास है:
1. अपादानतत्पुरुष
2. कर्मतत्पुरुष
3. करणतत्पुरुष
4. सम्बंधतत्पुरुष

1 Answer

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Correct Answer - Option 2 : कर्मतत्पुरुष

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 ‘कर्मतत्पुरुष समास​’ होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

  • 'गृहागत' का समास विग्रह करने पर 'घर को आगत' होगा।
  • इसमें 'को' कारक का प्रयोग किए जाने के कारण 'कर्म तत्पुरुष समास' है। 

तत्पुरुष समास के भेद

समास

परिभाषा

उदाहरण

करण तत्पुरुष

करण तत्पुरुष मे करण कारक की विभक्ति “से/के द्वारा” का लोप् होता है।

रेखांकित – रेखा से अंकित

 

अपादान तत्पुरुष

यहां पर जो “से” का लोप होता है, वो एक चीज़ का दूसरे चीज़ से अलग होते हुए नज़र आता है।

बुद्धिहीन – बुद्धि से हीन

 

कर्म तत्पुरुष

कर्म तत्पुरुष समास मे कर्म कारक की विभक्ति “को” का लोप होता है।

परलोकगमन – परलोक को गमन

 

संबंध तत्पुरुष

यहाँ संबंध कारक की विभक्ति “का, की, के” का लोप होता है। 

उद्योगपति – उद्योग का पति

 

अधिकरण तत्पुरुष

अधिकरण तत्पुरुष समास मे अधिकरण कारक की विभक्ति “मे/पर दोनो” का लोप होता है।

गृहप्रवेश – गृह मे प्रवेश

 

संप्रदान तत्पुरुष

संप्रदान तत्पुरुष समास मे संप्रदान कारक की विभक्ति “के लिए” का लोप होता है।

यज्ञशाला – यज्ञ के लिए शाला

 

नञ् तत्पुरुष

 

इस समास मे पहला पद नकारात्मक होता है।

अधर्म – न धर्म

 

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

 

 

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