Correct Answer - Option 4 : नि: + सन्न = नषिण्ण
दिए गए विकल्पों में से नि: + सन्न = नषिण्ण असंगत विकल्प है।
- उपरोक्त प्रश्न संधि से सम्बंधित है।
- संधि के कुछ आधार नियम होते हैं।
- उपरोक्त चारों विकल्प संधि के एक प्रकार व्यंजन संधि के उदाहरण हैं।
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नियम: यदि किसी शब्द के अंत में अ या आ को छोङकर कोई अन्य स्वर आये एवं दूसरे शब्द के आरंभ में ’स’ हो तो ’स’ के स्थान पर ष हो जाता है।
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नियम : ष सम्बन्धी नियम
- यदि ष से पूर्व हृस्व हो तो स् मे बदल जाता है।
- नै + स्थिक = नैष्ठिक, वि + साद = विषाद, सु + स्मिता = सुष्मिता इन तीनों में उपरोक्त नियम लागू हैं।
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नि: + सन्न का सही संधि शब्द निषण्ण होता है जिसका अर्थ होता है- बैठा हुआ, ओठँगा हुआ, स्थित।
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नियम : ष सम्बन्धी नियम
- यदि ष से पूर्व हृस्व हो तो स् मे बदल जाता है।
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, उसे संधि कहते हैं।
संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।
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संधि
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परिभाषा
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उदाहरण
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स्वर संधि
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दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।
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महाशय = महा + आशय।
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व्यंजन संधि
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व्यंजन के बाद किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो परिवर्तन होता है, वह व्यंजन संधि कहलाता है।
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दिग्गज = दिक् + गज।
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विसर्ग संधि
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विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
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शिरोमणि = शिर: + मणि।
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