Correct Answer - Option 2 : रौद्र रस
दी गयी पंक्तियों में क्रोध के भाव का बोध हो रहा है। इस आधार पर यहाँ ‘रौद्र’ रस है। ‘रौद्र रस’ का स्थायी भाव ‘क्रोध’ है। जहाँ विरोध, अपमान या उपकार के कारण प्रतिशोध की भावना क्रोध उपजती है वही रौद्र रस साकार होता है।अतः सही विकल्प रौद्र रस है।
अन्य विकल्प
शास्त्र के अनुसार ‘शोक’ नामक स्थाई भाव अपने अनुकूल विभाव, अनुभाव एवं संचारी भावों के सहयोग से अभिव्यक्त होकर जब आस्वाद का रूप धारण कर लेता है तब उसे करुण रस कहा जाता है। |
सहृदय के हृदय में संस्कार रुप में या जन्मजात रूप में विद्यमान रति नामक स्थाई भाव अपने प्रतिकूल विभाव, अनुभाव और संचारी भाव के सहयोग से अभिव्यक्त होकर जब आशीर्वाद योग्य बन जाता है तब वह श्रृंगार में परिणत हो जाता है। |
शान्त रस अर्थात अनित्य और असार तथा परमात्मा के वास्तविक ज्ञान से विषयों के वैराग्य से उत्पन्न रस परिपक्व होकर शांति में परिणत हो जाता है। |