बाबा गंगादास का कहना था कि स्वराज्य की प्राप्ति वास्तव में तब होगी जब हमारे समाज से भेदभाव मिट जायेगा। उन्होंने कहा था कि जब तक हमारे समाज में छुआछूत और ऊँच-नीच का भेद नहीं मिट जाता, जब तक हम विलासप्रियता को छोड़कर जनसेवक नहीं बन जाते, तब तक स्वराज्य नहीं मिल सकता। वह मिल सकता है केवल सेवा, तपस्या और बलिदान से।