विजयवाडा,
दि. xxxxx
पूज्य पिताजी,
सादर प्रणाम,
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि वहाँ आप कुशल हैं। मैं अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ।
अगले सप्ताह हमारी कक्षा के सभी विद्यार्थी तिरुपति की विहार यात्रा करनेवाले हैं। हमारे दो अध्यापक भी साथ आ रहे हैं। हम बालाजी के दर्शन करने के बाद मद्रास भी जाना चाहते हैं। मैं भी आपकी अनुमति पाकर उनके साथ जाना चाहता हूँ। इसलिए पाँच सौ रुपये एम.ओ. करने की कृपा कीजिए। माताजी को मेरे प्रणाम। जल्दी अनुमति प्रदान करें।
आपका प्रिय पुत्र,
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पता:
ए. रामाराव,
डो. नं. 9-1 – 132,
जगन्नाथपुरम,
काकिनाडा, पू.गो. जिला