तेनाली,
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प्रिय मित्र दिनेश,
सप्रेम नमस्ते।
कल तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर मन खुशी से उछल पड़ा। मुझे तुम पर पूर्ण विश्वास था कि तुम कक्षा में प्रथम आओगे लेकिन तुमने पूरे विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त कर मेरी प्रसन्नता चौगुनी बढ़ा दी है। मेरे हर्ष की कोई सीमा नहीं है। मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करो। तुम्हारी इस उपलब्धि ने मेरा सिर गौरव से ऊँचा कर दिया है। ईश्वर करे तुम्हे इसी तरह जीवन की प्रत्येक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने का सौभाग्य मिलता रहे। एक बार फिर हार्दिक बधाई स्वीकार करो। अपने माता – पिता को मेरा सादर प्रण कहना न भूलना।
तुम्हारा प्रिय मित्र
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