विजयवाडा,
दि. x x x x x
प्रिय मित्र श्रीनु ,
मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी कुशल होंगे। वार्षिक परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी कर रहा हूँ। तुम्हारी पढाई कैसी चल रही है? मैं ने कल ही यहाँ एक क्रिकेट मैच देखा था। उसका वर्णन कर रहा हूँ।
इंदिरा गाँधी स्टेडियम में एक दिन का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच चला। उसे देखने हज़ारों लोग आये थे। मैं अपने मित्रों के साथ मैच देखने गया।
ऑस्ट्रेलिया और इंडिया के बीच खेल चला। भोजन विराम तक खेल बहुत अच्छा था। खिलाडी एक से बढकर एक निपुण थे। विराट कोह्ली हमारे देश के कप्तान थे। उन्होंने सिक्का उछालकर खेल शुरू किया। उन्होंने दो ओवर में बारह रन करके लोगों को चकित कर दिया। पचास रन के बाद वे आऊट हो गये।। दिनेश कार्तिक पूरे चार सिक्सर मारकर आगे बढे। पैंसठ रन करके आऊट हो गये। इंडिया ने तीन विकेट खोकर 216 रन बनाए। भोजन विराम के बाद ऑस्ट्रेलिया ने खेल शुरू किया। शाम के साढे पाँच बजे तक सबके सब खिलाडी आऊट हो गये। वे केवल दो सौ रन कर सकें। इस तरह भारत की जीत हुई। मैं खुशी से घर वापस आया।
तुम भी अपने देखे किसी खेल का वर्णन करते हुए पत्र लिखना। माता – पिता को मेरा नमस्कार कहना। पत्र की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
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पता :
आर. सुदर्शन,
दसवीं कक्षा,
जि.प. हाई स्कूल, काकिनाडा।