विजयवाडा,
दि. x x x x x
प्रिय मित्र रमेश,
मैं यहाँ कुशल हूँ। तुम भी वहाँ कुशल होगे। मैं अच्छी तरह पढ़ रहा हूँ। मैं ने विजयवाडे में एक बडी प्रदर्शिनी देखी है। इसमें केन्द्र और राज्य सरकार संबंधी औद्योगिक उन्नति दिखाने के लिए प्रदर्शिनी चली है। लोग हज़ारों की संख्या में देखने आये हैं। मैं भी देखने गया। रात के समय बिजली की बत्तियाँ चकाचौंध करती हैं। यहाँ मनोरंजन के कई साधन हैं। बडा झूला, बच्चों की रेल गाडी, मोटर कार, ऊँट की सवारी, घुडसवार, चक्कर काटनेवाला हवाई – जहाज़ आदि हैं। कपडे की दूकानें और खिलौनौ की दूकानें भी हैं। लोग यहाँ से तरह – तरह की चीजें खरीदकर ले जा रहे हैं। कभी तुम भी पत्र लिखा करो। माता – पिता को मेरे प्रणाम।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
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पता:
जे. रमेश,
दसवीं कक्षा,
जि.प्र.प. हाई स्कूल,
विजयनगरम।