विजयवाडा,
दि. x x x x x
प्रिय भाई श्रीकर,
आशिष
मैं यहाँ कुशल हूँ। आशा है कि आप सब सकुशल हैं। एक हफ्ते के पहले मैं दशहरे की छुट्टियाँ बिताने यहाँ आया। यहाँ ‘दशहरा’ बडे धूमधाम से मनाया जाता है। यहाँ का कनकदुर्गा मंदिर प्रसिद्ध है। हर रोज़ कनकदुर्गा के नये – नये अलंकार किये जाते हैं। दशहरे के समय दूर – दूर से कई यात्री आते हैं। वे कृष्णा नदी में स्नान करते हैं। दुर्गा माता का दर्शन करते हैं। रात के समय मंदिर रंग बिरंगे विद्युत दीपों से सजाया जाता है। उस समय की शोभा निराली होती है।
विजयवाडे में गाँधी पहाड पर नक्षत्रशाला भी है। तुम दशहरे की छुट्टियों में यहाँ आओ। हम दोनों बडे आनंद के साथ समय बिता सकेंगे। माता – पिता को मेरे प्रणाम कहना | पत्र की प्रतीक्षा में।
तुम्हारा बड़ा भाई,
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पता :
चिरंजीवि श्रीकर,
दसवीं कक्षा,
एस.एस. हाई स्कूल,
आलमूरु, पू.गो. जिला।