मुझे फुटबॉल का खेल पसंद है। क्योंकि फुटबॉल का खेल अकेले एक आदमी का खेल नहीं। यह टीम का खेल है, मिलजुलकर खेलने का खेल है। यह ताकत और सावधानी का खेल है। यह चुस्ती का खेल है। यह नज़र का खेल है। फुटबॉल पर नज़र, साथियों पर नज़र। यह ऐसा खेल है जिसमें एक की ताकत सबकी ताकत है और एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी है। यह प्रेम और सचाई का खेल है।