संयोजकता- किसी तत्व के परमाणु द्वारा दिए जाने, लिए जाने या साझेदारी किए जाने वाले इलेक्ट्रॉन की संख्या, उस तत्व की संयोजकता कहलाती है।
हम जानते हैं कि किसी रासायनिक अभिक्रिया में केवल बाह्यतम कक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन या संयोजकता इलेक्ट्रॉन ही भाग लेते हैं। अत: संयोजकता निर्धारण में संयोजकता इलेक्ट्रॉन ही महत्त्वपूर्ण होते हैं। यदि किसी तत्त्व के परमाणु के संयोजकता इलेक्ट्रॉन 1, 2 या 3 हैं तो उसकी संयंजकता क्रमशः 1, 2 या 3 होगी। यदि तत्व के बाह्यतम कक्ष में 4 से 8 इलेक्ट्रॉन हैं तो उसकी संयोजकता (संयोजकतां इलैक्ट्रॉन-8) होगी।
उदाहरणार्थ- क्लोरोन या फ्लोरीन के बाह्यतम कक्ष में 7 इलेक्ट्रॉन हैं, तब उनकी संयोजकता 7-8 =-1 होगी। अतः क्लोरीन या फ्लोरीन के आयन को Cl− या F से प्रदर्शित करेंगे।