अमलापुरम,
दि. x x x x x
प्रिय मित्र,
सुरेश कुमार, तुम्हारा पत्र पाकर मैं बहुत खुश हुआ । मैं अगले फरवरी में हिन्दी विशारद परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहा हूँ। हिन्दी सीखने में बहुत आसानी भाषा है। वह हमारे भारत की राष्ट्र भाषा है। देश भर में असंख्य लोग यह भाषा समझते और बोलते हैं। अगर हम उत्तर भारत में कही भी जाएँ तो हिन्दी की उपयोगिता समझ में आयेगी। वहाँ अंग्रेज़ी या किसी भी दूसरी भाषा से काम नहीं चलता | हिन्दी नहीं जानते तो हम वहाँ एक अजनबी रह जायेंगे। इसलिए तुमसे भी मेरा अनुरोध है कि तुम भी हिन्दी सीख लो। आशा है कि तुम समय-समय पर पत्र लिखा करोगे।
तुम्हारा,
प्रिय मित्र,
ऐ.श्रीनिवास
पता:
सुरेश कुमार,
आठवीं कक्षा ‘बी’,
जि.प्र.प.हाईस्कूल,
काकिनाडा।