अमलापुरम,
दि. x x x x x
प्रिय छोटे भाई सुरेश,
आशीर्वाद।
तुम्हारा पत्र पढ़कर मुझे बडा अचरज हुआ। हिन्दी के प्रति तुम्हारी राय ग़लत है। हिन्दी भाषा हमारी राष्ट्रभाषा है। देश के अधिकांश लोग हिन्दी जानते हैं। अगर हम दक्षिण भारत से उत्तर भारत जाएँगे तो हमें वहाँ हिन्दी में बोलना पडता है। सरकारी नौकरी करनी है तो हिन्दी सीखना अत्यंत आवश्यक है। इसलिए तुम कल से हिन्दी पढ़ना सीख लो। अगली बार पत्र लिखते समय हिन्दी में पत्र लिखना। वहाँ सब लोगों से मेरी पूछताछ कहना।
तुम्हारा बडा भाई,
गोविंदराव।
पता :
यस. सुरेश,
सातवीं कक्षा,
यस.यस. हाईस्कूल,
गाँधी नगर, वैज़ाग।