Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
916 views
in Home Science by (51.3k points)
closed by

संक्रामक रोग किसे कहते हैं? इनके फैलने के कारण बताइये।

अथवा

संक्रामक रोग किसे कहते हैं? यह किस प्रकार फैलता है? बचाव के लिए क्या उपाय करने चाहिए? 

1 Answer

+1 vote
by (55.1k points)
selected by
 
Best answer

जब शरीर के एक या अधिक अंगों या तन्त्रों के प्रकार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और विभिन्न चिह्न एवं लक्षण प्रकट होते हैं, तो इस स्थिति को रोगग्रस्तता कहते हैं। रोगों के मुख्यत: दो प्रकार हैं।

1. संक्रामक रोग यह रोग हानिकारक सूक्ष्म जीवों (रोगाणुओं) के द्वारा होता है; जैसे-जीवाणु, विषाणु कवक एवं प्रोटोजोआ।
इन रोग कारकों का संचरण विभिन्न माध्यमों द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक होता है, इसलिए इन्हें संचरणीय रोग कहा जाता है; जैसे-हैजा, मलेरिया, टायफाइड, क्षय रोग, पोलियो, डिफ्थीरिया आदि।

2. असंक्रामक रोग यह रोग, रोगी से स्वस्थ व्यक्ति में स्थानान्तरिक नहीं होते हैं; जैसे–मधुमेह, कैंसर, हृदय रोग आदि।

संक्रामक रोगों का फैलना

अनेकानेक जीव जिसमें जीवाणु (बैक्टीरिया), विषाणु (वायरस), कवक (फंजाई), प्रोटोजोअन, कृमि (हेल्यिथ) आदि शामिल हैं, जो मनुष्य में रोग पैदा करते हैं। ऐसे रोगकारक जीवों को रोगजनक (पैथोजन) कहते हैं। रोगजनक हमारे शरीर में कई तरह से प्रवेश कर सकते हैं।
इनका संक्रमण मुख्यत: निम्नलिखित छः प्रकार से होता है।

⦁    जल एवं भोजन के माध्यम से
⦁    वायु के माध्यम से
⦁    रोगवाहक कीटों के माध्यम से
⦁    चोट अथवा घाव के माध्यम से
⦁    प्रत्यक्ष सम्पर्क के माध्यम से
⦁    यौन सम्बन्धों के माध्यम से

1. जल एवं भोजन के माध्यम से रोगाणुओं से दूषित जल एवं भोजन को ग्रहण करने से ये रोगाणु व्यक्ति के शरीर में पहुँच जाते हैं; जैसे-हैजा, टायफाइड, पीलिया, अतिसार तथा पेचिश आदि रोगों का संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित जल एवं आहार के माध्यम से होता है। इन रोगों के व्यापक संक्रमण में संक्रामक रोगों का फैलना मक्खियों की सहायक भूमिका होती है। मक्खियों के मल  आदि रोगाणुयुक्त स्थानों पर बैठने से रोगाणु उनके साथ चिपक कर हमारे खाद्य पदार्थों तक पहुँच जाते हैं, जिसे खाने से रोग को संक्रमण हो जाता है।

2. वायु के माध्यम से दूषित अथवा संक्रमित वायु में श्वास लेने से विभिन्न रोगाणु वायु के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर रोगग्रस्त बना देते हैं। रोगग्रस्त व्यक्तियों के खाँसने, छींकने अथवा श्वसन क्रिया द्वारा साँस छोड़ने की क्रियाओं द्वारा वायु में रोगाणुओं की सान्द्रता बढ़ती जाती है।
इसी प्रकार रोगी व्यक्तियों के थूक व मल-मूत्र के उचित निस्तारण के अभाव में उनके रोगाणु वायु को दूषित करते हैं। यही दूषित वायु चेचक, छोटी माता, खसरा, तपेदिक (क्षय रोग), डिफ्थीरिया, काली खाँसी जैसे संक्रामक रोगों के प्रसार काकारण बनती है।

3. रोगवाहक कीटों के माध्यम से कुछ रोग विभिन्न कीटों के माध्यम से भी फैलते हैं, जैसे प्लेग का संक्रमण चूहों पर पाए जाने वाले पिस्सुओं के माध्यम से होता है। इसके अतिरिक्त मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, पीत ज्वर, फाइलेरिया एवं पागल कुत्ते तथा कुछ अन्य पशुओं द्वारा काटने के परिणास्वरूप होने वाला हाइड्रोफोबिया नामक रोग इसी श्रेणी में आता है। रोगाणुयुक्त कीटों अथवा अन्य जीवों के काटने पर, रोगाणु रक्त के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और मनुष्य रोगग्रस्त हो जाता है।

4. चोट अथवा घावे के माध्यम से शरीर के किसी भी भाग में चोट लगने पर जब घाव बन जाता है, तब धूल, मिट्टी आदि में उपस्थित रोगाणु, घाव के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। टिटनेस इस प्रकार होने वाला प्रमुख रोग है।

5. प्रत्यक्ष सम्पर्क के माध्यम से कुछ रोग संक्रमित व्यक्तियों के प्रत्यक्ष सम्पर्क में आने से भी होते हैं। छूने अथवा स्पर्श के माध्यम से फैलने वाले मुख्य रोग हैं-दाद, खाज, खुजली तथा कुष्ठ रोग आदि।

6. यौन सम्बन्धों के माध्यम से लैंगिक क्रिया या यौन सम्बन्धों के द्वारा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कई प्रकार के रोग फैलते हैं। सूजाक (Gonorrhoea), सिफिलिस, एड्स (AIDS), इसी प्रकार के यौन संचारित रोगों के उदाहरण हैं।

संक्रामक रोगों की रोकथाम के सामान्य उपाय

संक्रामक रोगों की रोकथाम के कुछ सामान्य उपाय निम्नलिखित हैं।

⦁    स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना।
⦁    रोगग्रस्त व्यक्ति को अलग करना।
⦁    रोग-प्रतिरक्षा के उपाय करना; जैसे-टीकाकरण।
⦁    रोगवाहकों पर नियन्त्रण करना।
⦁    रोगाणुनाशन के उपाय करना

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...