रोजगार एक व्यक्ति एवं परिवार के सामान्य जीवन-निर्वाह के लिए प्राथमिक आवश्यकता है। अत: रोजगार के अवसरों तक पहुँच किसी भी देश के नागरिकों का मौलिक अधिकार है। नागरिकों के इसी अधिकार को सुनिश्चित करने हेतु सरकार द्वारा नियमित रूप से, विभिन्न उपलब्ध संसाधनों एवं देश की औद्योगिक व्यावसायिक प्रगति को ध्यान में रखकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाते हैं।
वस्तुत: हमारे देश में औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रगति पर्याप्त सन्तोषजनक है, परन्तु देश की जनसंख्या वृद्धि दर अधिक होने के कारण, उपलब्ध रोजगार के अवसर कम प्रतीत हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनसंख्या आधिक्य की स्थिति में सभी व्यक्तियों को शिक्षा के समान स्तरीय अवसर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं।
अत: रोजगार के इच्छुक व्यक्ति कुशल प्रशिक्षण के अभाव में, रोजगार के अवसरों की माँग को पूरा करने में असमर्थ होते हैं। इस प्रकार रोजगार के उपलब्ध अवसरों तथा रोजगार के इच्छुक व्यक्तियों के बीच उत्पन्न असन्तुलन की स्थिति बेरोजगारी की समस्या को जन्म देती है।