परिवार नियोजन की आवश्यकता
भारत एक विकासशील देश है। स्वतन्त्रता प्राप्ति के उपरान्त, विशेषकर वर्ष 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद से, हमारे देश में तीव्र वैज्ञानिक एवं आर्थिक प्रगति हुई है, परन्तु उत्पादन वृद्धि दर में हुई इस उल्लेखनीय प्रगति का समुचित लाभ देश की जनता को प्राप्त नहीं हो पा रहा है। परिणामस्वरूप आज भी हमारे देश में निर्धनता एवं निम्न जीवन-स्तर की समस्या विकराल रूप धारण किए हुए है। इस विरोधाभासी स्थिति का एक प्रमुख कारण जनसंख्या वृद्धि दर का अत्यधिक होना है। अत: देश के विकास एवं जनता के कल्याण हेतु आवश्यक है कि देश की जनसंख्या को बढ़ने से रोका जाए।
दूसरे शब्दों में, जन्म-दर को घटाने का प्रयास किया जाए, यही परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य है, इसके साथ-साथ परिवार कल्याण अर्थात् समग्र पारिवारिक जीवन को उत्तम बनाने के लिए भी परिवार नियोजन अर्थात् परिवार को सीमित रखना आवश्यक है।