अकबर ने धर्म-सहिष्णुता की नीति अपनाई। अकबर की महानता उसकी धार्मिक नीति पर आधारित है। उसने तुर्क-अफगान शासकों की धार्मिक विभेद की नीति के स्थान पर उदार नीति अपनाई तथा सभी धर्मों एवं सम्प्रदायों में एकता और समन्वय स्थापित किया और धार्मिक विद्वेष, वैमनस्य एवं कटुता को समाप्त कर एक संगठित राष्ट्र के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया।