यह वह रेखा है जो दो वस्तुओं के उन विभिन्न संयोगों के समूह को प्रकट करती है, जो उपभोक्ता अपनी दी हुई आय तथा वस्तुओं की दी हुई कीमतों पर खरीद सकता है। यह नीचे की ओर ढलवां होती है, क्योंकि दी हुई आय तथा वस्तुओं की दी हुई कीमत पर बिना एक वस्तु की मात्रा कम किए दूसरी वस्तु की मात्रा बढ़ाना संभव नहीं है। जब भी दो चरों में ऐसा संबंध हो कि 3 के घटने पर y बढ़े तथा y के बढ़ने पर x घटे तो उसका वक्र नीचे की ओर ढलवां होगा।