मनुष्य की तीन प्राथमिक आवश्यकताएँ भोजन, वस्त्र तथा मकान हैं। मकानों के समूह को बस्तियों अथवा अधिवास कहा जाता है। अधिवास मनुष्य के सांस्कृतिक वातावरण के अभिन्न अंग हैं। जिनका निर्माण मनुष्य अपने प्राकृतिक वातावरण के अनुसार करता है। बूंश के अनुसार, ‘मानवीय अधिवास पृथ्वी के धरातल पर होने वाली मानवीय क्रियाओं व रचनाओं में सबसे अधिक स्पष्ट, महत्त्वपूर्ण तथा ठोस रचना है।”
मानव अधिवास का अर्थ मकानों का समूह है। इसके अन्तर्गत मनुष्य के निवास-गृह, मकान, आश्रय, भवन आदि सभी प्रकार के आश्रय सम्मिलित हैं। इनमें झोंपड़ी या छप्पर से लेकर, मिट्टी, लकड़ी, ईंट आदि के बने घर तथा सीमेण्ट, कंक्रीट, पत्थर, लोहे आदि से निर्मित भव्य इमारत, अट्टालिका अथवा किला सभी सम्मिलित किए जाते हैं।