भारत में लौह तथा इस्पात उद्योग के चार केन्द्र निम्नलिखित हैं –
⦁ राउरकेला इस्पात लिमिटेड – हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड के तत्वावधान में 1955 ई० में ओडिशा राज्य के सुन्दरगढ़ जिले में राउरकेला नामक स्थान पर जर्मनी की क्रुप्स डिमॉग कम्पनी के सहयोग से इस कारखाने की स्थापना की गयी थी। वर्तमान में इसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 30.10 लाख टन इस्पात तैयार करने की है।
⦁ भिलाई इस्पात लिमिटेड – इस कारखाने की स्थापना 1953 ई० में पूर्व सोवियत संघ की सहायता से छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई नामक स्थान पर की गयी थी। इस कारखाने पर भी हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड का अधिकार है। वर्तमान में इस कारखाने की वार्षिक उत्पादन क्षमता 40 लाख टन इस्पात तैयार करने की है।
⦁ दुर्गापुर इस्पात लिमिटेड – हिन्दुस्तान स्टील लिमिटेड के तत्त्वावधान में इस कारखाने की स्थापना सन् 1956 में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर नामक स्थान पर ब्रिटिश सरकार की सहायता से की गयी है। इस कारखाने की वार्षिक उत्पादन क्षमता 28 लाख टन है।
⦁ बोकारो इस्पात लिमिटेड – चतुर्थ पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत सन् 1964 में पश्चिमी झारखण्ड के धनबाद जिले के बोकारो नामक स्थान पर इस कारखाने की स्थापना की गयी थी। इसके निर्माण में पूर्व सोवियत संघ की सरकार से सहायता ली गयी थी। इस कारखाने की उत्पादन क्षमता 40 लाख टन थी, जिसे बाद में 60 लाख टन तक बढ़ाया गया है।