दिए गए पद्यांशों को फ्ढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
मुझको यह प्यारा और इसे तुम प्यारे,
मेरे दुगुने प्रिय, रहो न मुझसे न्यारे ।
मैं इसे न जानें, किन्तु जानते हो तुम,
अपने से पहले इसे मानते हो तुम ।।
तुम भ्राताओं का प्रेम परस्पर जैसा,
यदि वह सब पर यों प्रकट हुआ है वैसा ।
तो पाप-दोष भी पुण्य-तोष है मेरा,
मैं रहूँ पंकिला, पद्म-कोष है मेरा ।
(i) उपर्युक्त पद्यांश के शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) श्रीराम का कौन प्यारा है?
(iv) कैकेयी को कौन दोगुने प्रिय हैं? क्य?
(v) “मैं रहूँ पंकिला, पद्म-कोष है मेरा।” पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?