दिए गए पद्यांशों को फ्ढ़कर उन पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
सुख भोग खोजने आते सब,
आये तुम करने सत्य-खोज,
जग की मिट्टी के पुतले जन,
तुम आत्मा के, मन के मनोज !
जड़ता, हिंसा, स्पर्धा में भर
चेतना, अहिंसा, नम्र ओज,
पशुता का पंकज बना दिया
तुमने मानवता का सरोज ।
(i) उपर्युक्त पद्यांश के शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) अधिकांश मनुष्य संसार में आकर किसकी खोज में लग जाते हैं?
(iv) गाँधी जी का भौतिकवादी मनुष्य पर क्या प्रभाव पड़ा?
(v) ‘तुम आत्मा के, मन के मनोज!’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार होगा?