सेवा में,
सम्पादक महोदय,
दैनिक जागरण, मेरठ।
विषय-परीक्षा के समय लाउडस्पीकर आदि पर रोक
मान्यवर,
निवेदन यह है कि प्रायः सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं का आयोजन मार्च और अप्रैल माह में होता है। विद्यार्थी अपने भविष्य को दाँव पर लगाने के लिए बड़ी लगन वे उत्साह से अध्ययनरत रहते हैं। थोड़ी-सी अशान्ति और शोरगुल से वे अधीर और आतुर हो उठते हैं। परीक्षा की तैयारी के समय वे एकान्त, शान्त व एकाग्रचित रहना चाहते हैं।
देखा गया है कि उक्त दोनों महीनों में वातावरण बड़ा अस्थिर व अशान्त रहता है। विवाह-लग्नों की धूम के कारण लाउडस्पीकर और वाद्य-यन्त्रों का शोर मच जाता है। बैण्ड-बाजों की कर्कश ध्वनि मानो पागल-सा बना देती है। विद्यार्थी अपना सिर थाम लेते हैं। फलस्वरूप झगड़े और फसाद खड़े हो जाते हैं।
इस वर्ष भी मार्च और अप्रैल महीनों में बहुत शादियाँ हैं। अत: प्रशासन को शीर्घ सतर्क और सावधान होकर लाउडस्पीकर और वाद्ययन्त्रों पर प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए, अन्यथा गत वर्ष की तरह हिंसा की वारदातें पुनर्जीवित हो सकती हैं।
जिला प्रशासन से हमारा अनुरोध है कि परीक्षा की इन अमूल्य घड़ियों में शोरगुल व बैण्ड-बाजों की कर्कश कटु ध्वनि पर प्रतिबन्ध लगा दें और विवाह-लग्न के अवसर पर धीमा संगीत रखने के आदेश जारी किये जाएँ।
मोहन लाल गुप्त
अध्यक्ष,
भारतीय विद्यार्थी परिषद्
मेरठ।
दिनांक : ………….