पंचायती राज की उपलब्धियाँ (गुण) –
⦁ पंचायती राज पद्धति के फलस्वरूप ग्रामीण भारत में जागृति आयी है।
⦁ पंचायतों द्वारा गाँवों में कल्याणकारी कार्यों के कारण गाँवों की हालत सुधरी है।
⦁ पंचायतों द्वारा संचालित प्राथमिक और वयस्क विद्यालयों के फलस्वरूप गाँवों में साक्षरता और शिक्षा का प्रसार हुआ है।
⦁ पंचायतों ने सफलतापूर्वक अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं की ओर अधिकारियों का ध्यान खींचा है।
पंचायती राज के दोष – पंचायती राज पद्धति के कारण गाँवों के जीवन में कई बुराइयाँ भी आयी हैं, जो निम्नलिखित हैं –
⦁ पंचायतों के लिए होने वाले चुनावों में हिंसा, भ्रष्टाचार और जातिवाद का बोलबाला रहता है। यहाँ तक कि निर्वाचित प्रतिनिधि भी इससे परे नहीं होते।
⦁ यह भी कहा जाता है कि पंचायती राज के सदस्य चुने जाने के पश्चात् लोग अपने कर्तव्यों को ठीक प्रकार से नहीं करते।
⦁ यहाँ रिश्वतखोरी चलती है और धन का बोलबाला रहता है। धनी आदमी पंचों को खरीद लेते
⦁ स्वयं पंच लोग अनपढ़ होते हैं, इसलिए वे विभिन्न समस्याओं को सुलझाने की योग्यता ही नहीं रखते।
⦁ पंच लोग पार्टी-लाइनों पर चुने जाते हैं, इसलिए वे सभी लोगों को निष्पक्ष होकर न्याय नहीं दे सकते। संक्षेप में, भारत में पंचायती राज एक मिश्रित वरदान है।