Use app×
Join Bloom Tuition
One on One Online Tuition
JEE MAIN 2025 Foundation Course
NEET 2025 Foundation Course
CLASS 12 FOUNDATION COURSE
CLASS 10 FOUNDATION COURSE
CLASS 9 FOUNDATION COURSE
CLASS 8 FOUNDATION COURSE
0 votes
3.6k views
in Civics by (40.1k points)
closed by

स्थानीय स्वशासन का क्या अर्थ है ? स्थानीय स्वशासन की आवश्यकता तथा महत्त्व बताइए।

या

भारत में स्थानीय स्वशासन के अर्थ, आवश्यकता और उसके महत्त्व का वर्णन कीजिए।

1 Answer

+1 vote
by (39.4k points)
selected by
 
Best answer

भारत में केन्द्र व राज्य सरकारों के अतिरिक्त, तीसरे स्तर पर एक ऐसी सरकार है जिसके सम्पर्क में नगरों और ग्रामों के निवासी आते हैं। इस स्तर की सरकार को स्थानीय स्वशासन कहा जाता है, क्योंकि यह व्यवस्था स्थानीय निवासियों को अपना शासन-प्रबन्ध करने का अवसर प्रदान करती है। इसके अन्तर्गत मुख्यतया ग्रामवासियों के लिए ग्राम पंचायत और नगरवासियों के लिए नगरपालिका उल्लेखनीय हैं। इन संस्थाओं द्वारा स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति तथा स्थानीय समस्याओं के समाधान के प्रयास किये जाते हैं। व्यावहारिक रूप में वे सभी कार्य जिनका सम्पादन वर्तमान समय में ग्राम पंचायतों, जिला पंचायतों, नगरपालिकाओं, नगर निगम आदि के द्वारा किया जाता है, वे स्थानीय स्वशासन के अन्तर्गत आते हैं।

स्थानीय स्वशासन की आवश्यकता एवं महत्त्व

स्थानीय स्वशासन की आवश्यकता एवं महत्त्व को निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर स्पष्ट किया जा सकता है –

(1) लोकतान्त्रिक परम्पराओं को स्थापित करने में सहायक – भारत में स्वस्थ लोकतान्त्रिक परम्पराओं को स्थापित करने के लिए स्थानीय स्वशासन व्यवस्था ठोस आधार प्रदान करती है। उसके माध्यम से शासन-सत्ता वास्तविक रूप से जनता के हाथ में चली जाती है। इसके अतिरिक्त स्थानीय स्वशासन-व्यवस्था, स्थानीय निवासियों में लोकतान्त्रिक संगठनों के प्रति रुचि उत्पन्न करती है।
(2) भावी नेतृत्व का निर्माण – स्थानीय स्वशासन की संस्थाएँ भारत के भावी नेतृत्व को तैयार करती हैं। ये विधायकों और मन्त्रियों को प्राथमिक अनुभव एवं प्रशिक्षण प्रदान करती हैं, जिससे वे भारत की ग्रामीण समस्याओं से अवगत होते हैं। इस प्रकार ग्रामों में उचित नेतृत्व का निर्माण करने एवं विकास कार्यों में जनता की रुचि बढ़ाने में स्थानीय स्वशासन की महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है।
(3) जनता और सरकार के पारस्परिक सम्बन्ध – भारत की जनता स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं के माध्यम से शासन के बहुत निकट पहुँच जाती है। इससे जनता और सरकार में एक-दूसरे की कठिनाइयों को समझने की भावनाएँ उत्पन्न होती हैं। इसके अतिरिक्त दोनों में सहयोग भी बढ़ता है, जो ग्रामीण उत्थान एवं विकास के लिए आवश्यक है।
(4) स्थानीय समाज और राजनीतिक व्यवस्था के बीच की कड़ी – ग्राम पंचायतों के कार्यकर्ता और पदाधिकारी स्थानीय समाज और राजनीतिक व्यवस्था के बीच की कड़ी के रूप में कार्य करते हैं। इन स्थानीय पदाधिकारियों के सहयोग के अभाव में न तो राष्ट्र के निर्माण का कार्य सम्भव हो पाता है और न ही सरकारी कर्मचारी अपने दायित्व का समुचित रूप से पालन कर पाते हैं।
(5) प्रशासकीय शक्तियों का विकेन्द्रीकरण – स्थानीय स्वशासन की संस्थाएँ केन्द्रीय व राज्य सरकारों को स्थानीय समस्याओं के भार से मुक्त करती हैं। स्थानीय स्वशासन की इकाइयों के माध्यम से ही शासकीय शक्सियों एवं कार्यों का विकेन्द्रीकरण किया जा सकता है। लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण की इस प्रक्रिया में शासन-सत्ता कुछ निर्धारित संस्थाओं में निहित होने के स्थान पर, गाँव की पंचायत के कार्यकर्ताओं के हाथों में पहुँच जाती है। भारत में इस व्यवस्था से प्रशासन की कार्यकुशलता में पर्याप्त वृद्धि हुई है।
(6) नागरिकों को निरन्तर जागरूक बनाये रखने में सहायक – स्थानीय स्वशासन की संस्थाएँ लोकतन्त्र की प्रयोगशालाएँ हैं। ये भारतीय नागरिकों को अपने राजनीतिक अधिकारों के प्रयोग की शिक्षा तो देती ही हैं, साथ ही उनमें नागरिकता के गुणों का विकास करने में भी सहायक होती हैं।
(7) लोकतान्त्रिक परम्पराओं के अनुरूप – लोकतन्त्र का आधारभूत तथा मौलिक सिद्धान्त यह है। कि सत्ता का अधिक-से-अधिक विकेन्द्रीकरण होना चाहिए। स्थानीय स्वशासन की इकाइयाँ इस सिद्धान्त के अनुरूप हैं।
(8) नौकरशाही की बुराइयों की समाप्ति – स्थानीय स्वशासन की संस्थाओं में नागरिकों की प्रत्यक्ष भागीदारी से प्रशासन में नौकरशाही, लालफीताशाही तथा भ्रष्टाचार जैसी बुराइयाँ उत्पन्न नहीं होती हैं।
(9) प्रशासनिक अधिकारियों की जागरूकता – स्थानीय लोगों की शासन में भागीदारी के कारण प्रशासन उस क्षेत्र की आवश्यकताओं के प्रति अधिक सजग तथा संवेदनशील हो जाता है।

उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि स्थानीय स्वशासन लोकतन्त्र का आधार है। यह लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण (Democratic Decentralisation) की प्रक्रिया पर आधारित है। यदि प्रशासन को जागरूक तथा अधिक कार्यकुशल बनाना है तो उसका प्रबन्ध एवं संचालन स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप स्थानीय संस्थाओं के द्वारा ही सम्पन्न किया जाना चाहिए।

Welcome to Sarthaks eConnect: A unique platform where students can interact with teachers/experts/students to get solutions to their queries. Students (upto class 10+2) preparing for All Government Exams, CBSE Board Exam, ICSE Board Exam, State Board Exam, JEE (Mains+Advance) and NEET can ask questions from any subject and get quick answers by subject teachers/ experts/mentors/students.

Categories

...