चुनावों का अध्ययन एक ऐसा विषय है जो राजनीति विज्ञान और समाजशास्त्र को परस्पर नजदीक लाता है। चूंकि राजनीति विज्ञान की मुख्य रुचि राजनीति में है तथा चुनाव राजनीति से ही संबंधित हैं, इसलिए उनका चुनावों के अध्ययन में ध्यान केन्द्रित होना स्वाभाविक है। समाजशास्त्र में भी चुनावों के अध्ययन में इसलिए दिलचस्पी ली जाती है क्योंकि बहुत-से सामाजिक-सांस्कृतिक कारक चुनावों एवं मतदान व्यवहार को प्रभावित करते हैं। ऐसे सामान्य विषयों को समझने में दोनों ही विज्ञान एक-दूसरे को सहयोग प्रदान करते हैं। यह भी सत्य है कि समाजशास्त्रीय पद्धतिशास्त्र तथा समाजशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान के संयुक्त चिंतन को अपनाकर ही इस प्रकार के अध्ययन सफलतापूर्वक किए जा सकते हैं।