आधुनिक युग में नौकरियों में भी श्रेणीबद्धता पाई जाती है। कुछ नौकरियाँ ऐसी हैं जो अधिक प्रतिष्ठित मानी जाती है। भारत में पहले कभी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील एवं प्राध्यापक की नौकरी के साथ उच्च प्रस्थिति जुड़ी हुई थी। नौकरियों से जुड़ी प्रतिष्ठा बदलती रहती है। अब सिविल जेवाओं में प्रतियोगात्मक परीक्षाओं में सफल व्यक्ति जिन प्रशासनिक नौकरियों को प्राप्त करते हैं, उन्हें अधिकांशतया अधिक प्रतिष्ठित माना जाता है। कमिश्नर, जिला अधिकारी, जिला जल, नौकरशाह, पुलिस एवं सैनिक अधिकारियों को समाज में इसीलिए अधिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त होती है। इन नौकरियों का आधार व्यक्तिगत योग्यता होती है जिसमें प्रदत्त प्रस्थिति की कोई विशेष भूमिका नहीं होती है। इसी भाँति, आजकल बहुराष्ट्रीय कंपनियों में उच्च स्तर के अधिकारियों से संबंधित नौकरियों को भी अधिक प्रतिष्ठा वाला माना जाता है। इन नौकरियों के साथ न केवल अधिक वेतन जुड़ा होता है, अपितु सुविधाएँ भी अत्यधिक होती हैं। निम्न स्तर की नौकरियों को अधिक प्रतिष्ठा वाला नहीं माना जाता है।