सामाजिक भूमिका के प्रमुख तत्त्वे निम्नलिखित हैं-
⦁ प्रत्याशाएँ–प्रत्येक प्रस्थिति का धारक इस बात को जानता है कि अन्य संबंधित स्थितियों के धारक उससे किस आचरण की आशा कर रहे हैं। विद्यार्थी यह जानता है कि उसके शिक्षक उससे किस आचरण की आशा करते हैं। साथ ही, उसे इसका भी ज्ञान है कि शिक्षक जानता है। कि उसके विद्यार्थी उससे किस प्रकार के आचरण की आशा करते हैं। ये पारस्परिक प्रत्याशाएँ हैं जो सामाजिक भूमिका की मानसिक पृष्ठभूमि तैयार करती हैं।
⦁ बाह्य व्यवहार केवल मानसिक प्रस्थिति ही भूमिका के लिए पर्याप्त नहीं होती, अपितु ज्ञानात्मक जागरूकता तथा अपने दायित्वों व कर्तव्यों को व्यवहार में अनुमोदित करना पड़ता हैं। इसलिए सामाजिक भूमिका का दूसरा महत्त्वपूर्ण तत्त्व आचरण की प्रत्याशी को बाह्य व्यवहार में रखा जाना है।